Akbar-birbal Ki Kahani: Buri Aadat

Smita MahtoApr 30, 2024

किसी समय की बात है, जब बादशाह अकबर को अपने बेटे की एक बुरी आदत से काफी चिंता हो गई थी। उनका शहजादा अंगूठा चूसने की आदत से मुक्त नहीं हो पा रहा था, जिसे देख बादशाह काफी परेशान थे।

जब बादशाह ने इस समस्या का जिक्र अपने दरबारियों से किया, तो एक दरबारी ने उन्हें एक फकीर के बारे में बताया जिसके पास हर समस्या का समाधान था। बादशाह ने तुरंत फकीर को दरबार में बुलाने का आदेश दिया।

फकीर जब दरबार में आया, तो बादशाह ने अपनी चिंता उसे बताई। फकीर ने एक सप्ताह का समय मांगा और वादा किया कि वह शहजादे की आदत छुड़ा देगा।

एक सप्ताह के बाद, फकीर ने शहजादे को प्यार से समझाया और अंगूठा चूसने के नुकसान बताए। शहजादे पर फकीर की बातों का गहरा असर हुआ और उसने अंगूठा न चूसने का वादा किया।

दरबारियों ने यह देखकर पूछा कि जब यह काम इतना सरल था तो फकीर ने इतना समय क्यों लिया। बादशाह ने भी उनकी बातों में आकर फकीर को दंड देने का निर्णय लिया।

इस पर बीरबल ने विरोध किया और कहा कि फकीर को सम्मानित करना चाहिए ना कि दंडित। बादशाह ने जब इस पर आपत्ति जताई तो बीरबल ने समझाया कि फकीर ने पहले अपनी चूना खाने की आदत छोड़ी और फिर शहजादे की आदत सुधारी।

बीरबल की बात सुनकर बादशाह और दरबारियों को अपनी गलती का एहसास हुआ और उन्होंने फकीर से क्षमा मांगी और उसे सम्मानित किया।