Akbar-birbal Kahani: Birbal Ka Buddhimani Bhara Ghada

Smita MahtoApr 26, 2024
birbal ka buddhimani bhada ghada

यह कहानी है राजा अकबर और उनके विश्वसनीय सलाहकार बीरबल की। एक बार, कुछ गलतफहमियों के कारण, राजा अकबर और बीरबल के बीच अनबन हो गई और अकबर ने बीरबल को राज्य से बाहर जाने का आदेश दे दिया। बीरबल ने हालांकि हिम्मत नहीं हारी और एक दूसरे गांव में जाकर किसान का वेश धर खेती करने लगे।

शुरू में तो राजा अकबर के लिए सब कुछ सामान्य था, लेकिन जैसे-जैसे दिन बीते, उन्हें बीरबल की कमी खलने लगी। हर मुश्किल स्थिति में बीरबल की याद आती। अंत में राजा ने अपने सेनापति को बीरबल को खोज निकालने का आदेश दिया। खोज बहुत की गई, लेकिन बीरबल कहीं नहीं मिले।

राजा ने तब एक युक्ति सोची। उन्होंने आदेश दिया कि हर गांव के मुखिया को एक बर्तन में बुद्धि भरकर भेजनी होगी। यदि वे ऐसा नहीं कर पाते, तो उन्हें बर्तन में हीरे और जवाहरात भरकर भेजने होंगे। इस अजीब आदेश से सभी गांववाले चिंतित थे।

जिस गांव में बीरबल रह रहे थे, वहां भी यह आदेश पहुँचा। बीरबल ने आगे आकर इस समस्या का समाधान निकाला। उन्होंने एक बर्तन में तरबूज के बीज बोए और उसे उसी बर्तन के आकार में बढ़ने दिया। जब तरबूज पूरी तरह से बर्तन को भर गया, बीरबल ने उसे राजा को भेज दिया।

राजा ने जैसे ही यह देखा, उन्हें समझ आ गया कि इस उत्तर के पीछे बीरबल की बुद्धि है। वे तुरंत बीरबल को वापस लाने के लिए निकल पड़े।

इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि समस्याओं का हल निकालने

के लिए हमेशा अपनी बुद्धि का उपयोग करना चाहिए। यह भी दर्शाता है कि कैसे सच्ची प्रतिभा और समझदारी हमेशा अपना रास्ता ढूँढ लेती है।