Kyc क्या होता है? Kyc Kaise Kare Mobile Se?

Abdul KhaliqueJan 13, 2024

दोस्तों onehindee.com के पेज पर आपका स्वागत है।

आज हमलोग बहुत ही प्रचलित टर्म KYC के बारे में आपसे बात करेंगे। जब भी आप बैंक जाते होंगे तो KYC शब्द zarur सुनते होंगे, और आपके मन में यह सवाल भी आता होगा कि आखिर ये kyc क्या है?

तो चलिए आज हम आपको बताएंगे कि KYC क्या है? KYC का फुलफॉर्म क्या है? KYC को हिंदी में क्या कहते है?

KYC क्यों ज़रूरी है? KYC के दस्तावेज़ कौन कौन से हैं? KYC के क्या फायदे है?

KYC एक प्रक्रिया है जिसके ज़रिए बैंक एवं वित्तीय संस्था अपने ग्राहकों के नाम और पता का प्रूफ के ज़रिए उन्हें सत्यापित करती है। बैंक एवं वित्तीय संस्था आपको अपने से या आपसे कोई संबंध बनाने से पहले KYC प्रक्रिया करती है।

RBI के दिशनिर्देशों के अनुसार बैंक एवं वित्तीय सस्थानों को अपनी सारी सुविधाए देने से पहले KYC प्रक्रिया करना ज़रूरी है । यह एक महत्वूर्ण प्रक्रिया है जिसे हम सब लोगों को करना होता है।

KYC का फुल फॉर्म know your customer होता है।

KYC का हिंदी में अर्थ होता है "अपने ग्राहकों को जाने"।

KYC क्यों ज़रूरी है?

KYC प्रक्रिया ग़ैर क़ानूनी कामों जैसे money laundering, घुस, भ्रष्टाचार इत्ययादि से बचाव के लिए किया गया पुरवाऊपाय है।

इसके अलावा बहुत सारी कंपनी अपनी प्रीमियम सेवा KYC पूरा होने के बाद ही देती है।

जैसे paytm जैसी कंपनी जो कि वित्तीय सेवा देती है, बिना KYC के मात्र दस हज़ार का लेनदेन करने कि अनुमति देती है परंतु KYC पूरा होने के बाद ये अपनी सीमा को बढ़ा कर एक लाख कर देती है।

इसी तरह और भी कंपनी जो की financial services देती हैं वो भी कुछ ना कुछ सीमा लगा देती है बिना KYC वालों के लिए।

KYC के दस्तावेज़ कौन कौन से है?

स्टैंडर्ड आईडेंटिटी माने जाने वाले दस्तावेज़।

  • पासपोर्ट
  • ड्राइविंग लाइसेंस
  • पैन कार्ड
  • मतदाता पहचान पत्र
  • आधार कार्ड
  • बैंक पासबुक फोटो के साथ
  • नरेगा कार्ड, इत्यादि।

एड्रेस प्रूफ के दस्तावेज़

  • टेलीफोन बिल
  • बिजली बिल
  • गैस रिफिलिंग बिल
  • राशन कार्ड
  • आवासीय प्रमाण पत्र

KYC की ज़रूरत

KYC की ज़रूरत बैंक खाता खुलवाने, मच्यूल फंड खरीदने, लॉकर लेने, सोना लेने वक़्त होती है।

KYC क्यों ज़रूरी है?

बैंक और वित्तीय संस्था kyc ग्राहकों के पहचान और पता के सत्यापन के लिए इस्तेमाल करती है। ऐसे बहुत से मामले आए है जिनमे धोखाधड़ी हुई है, खाते से पैसे निकाल लिए गए है, अगर बैंको को पास उनके पहचान और पता सत्यापित हो तो ऐसे मामलों को बहुत कम किया जा सकता है।

KYC के प्रकार

KYC दो प्रकार के होते है

  • आधार - के द्वारा
  • IPV के द्वारा

आइए अब इस सेक्शन में जानते है कि paytm जैसे पेमेंट app में kyc कैसे करे?

PAYTM KYC कैसे करें?

PAYTM जैसे APP में KYC करना बहुत जरूरी है, क्यूंकि इसके बिना कंपनी आपको अपनी प्रीमियम सेवाएं से वंचित रखती है तो आइए जानते है कि paytm kyc कैसे करें?

Paytm KYC आप दो प्रकार से कर सकते है।

1. Minimum KYC यह बहुत ही आसान तरीका है आपको अपना kyc कराने का, इसमें बस कंपनी को अपना नाम और आधार नंबर देना या फिर पासपोर्ट , वोटर आईडी , नरेगा, ड्राइविंग लाइसेंस का नंबर देना होता है, जो कि आप खुद अपने मोबाइल से कर सकते है।

  • Minimum KYC में करने के बाद आप अपने ई वॉलेट में दस हज़ार रुपए तक रख सकते हैं।
  • Minimum KYC के बाद आप ऑनलाइन पेमेंट कर सकते हैं।

आरबीआई के regulations के मुताबिक minimum KYC की वैधता 24 महीने होती है।

2. Full KYC Full KYC के लिए आपको IPV मतलब in person verification करना होता है।

Full KYC कराने के लिए आपको अपने नजदीकी paytm KYC सेंटर जाना होगा, नीचे दिए लिंक से आपको अपने नजदीकी Paytm KYC सेंटर की जानकारी मिल जाएगी http://m.py.tm/kyc सत्यापन के लिए आपको अपना आधार और पैन कार्ड ले जाना होगा, आपको अपने आधार को बायोमेट्रिक तरीके से सत्यापन करना होगा।

Door step kyc

और ये अभी कुछ दिन पहले ही शुरू हुआ है, यह सुविधा चुनिंदा स्थानों और चुनिंदा ग्राहकों के लिए उपलब्ध हैं, इसमें कंपनी के प्रतिनिधि आपके घर आकर आपके दस्तावेज़ का सत्यापन करते है। यह ग्राहकों के लिए बहुत सुविधाजनक है।

अगर आप उन चुनिंदा ग्राहकों में नहीं आते है तो आपको अपने नजदीकी paytm kyc सेंटर जाकर ही kyc कराना होगा।

इसी तरह आप और भी भुगतान करने वाली app जैसे google pay , phone pay, amazon pay का kyc कर सकते है।

KYC एक मुफ्त सेवा है, इसके लिए आपको कोई शुल्क नहीं देना होगा।

KYC सत्यापन में दो से तीन दिन तक का समय लगता है, एक बार वेरीफाई होने के बाद कंपनी आपको नोटिफाई कर देती है कि आपका kyc पूरा हो चुका है।

भारत से सभी नागरिक kyc के लिए योग्य है।