अकबर-बीरबल: हरे घोड़े की कहानी | Green Horse Story - Short Stories in Hindi

Hare Ghore ki akabar birbal ki hindi kahaniya
Smita MahtoSmita Mahto last updated Mar 23, 2024

एक शाम, बादशाह अकबर अपने प्रिय बीरबल के साथ अपने आलीशान बगीचे में टहलने गये। बगीचा देखने लायक था, हरी-भरी हरियाली से भरा हुआ और फूलों की मीठी खुशबू इसकी सुंदरता को बढ़ा रही थी।

अचानक, अकबर ने बीरबल से एक अनोखी इच्छा व्यक्त करते हुए कहा, “बीरबल, मेरी इच्छा इस हरे-भरे बगीचे में हरे घोड़े की सवारी करने की है। इसलिए मैं तुम्हें सात दिन के भीतर मेरे लिए हरे घोड़े की व्यवस्था करने का आदेश देता हूं। यदि तुम इस आदेश को पूरा करने में विफल रहते हो, तो तुम फिर कभी मुझे अपना चेहरा नहीं दिखाओगे। 

अकबर और बीरबल दोनों अच्छी तरह से जानते थे कि हरा घोड़ा दुनिया में कहीं भी मौजूद नहीं है। फिर भी, अकबर बीरबल को हार स्वीकार करते देखना चाहते थे, जिसके कारण उन्हें ऐसा आदेश जारी करना पड़ा। हालाँकि, बीरबल, जो अपनी बुद्धि के लिए जाने जाते थे, बादशाह के इरादों को अच्छी तरह से समझ गए और सात दिनों तक हरे घोड़े की तलाश करने का नाटक किया।

आठवें दिन, बीरबल दरबार में उपस्थित हुए और उन्होंने बादशाह से कहा, “महाराज, आपके आदेश के अनुसार, मैंने आपके लिए एक हरे घोड़े की व्यवस्था की है, लेकिन मालिक की दो शर्तें हैं।”

उत्सुक होकर, अकबर ने स्थितियों के बारे में पूछताछ की। बीरबल ने उत्तर दिया, “पहली शर्त यह है कि हरे घोड़े को लाने के लिए आपको स्वयं जाना होगा।” अकबर ने यह शर्त मान ली।

जब अकबर ने दूसरी शर्त के बारे में पूछा, तो बीरबल ने कहा, "घोड़ों के मालिक से घोड़ों को लेने के लिए सप्ताह के सात दिनों के अलावा कोई और एक दिन चुनना होगा।"

अकबर अचंभित रह गए और आश्चर्य से बीरबल की ओर देखने लगे। बीरबल ने शांति से समझाया, "महाराज, मालिक का आग्रह है कि अद्वितीय हरे घोड़े को प्राप्त करने के लिए इन विशेष शर्तों को पूरा किया जाना चाहिए।"

बीरबल की सरल प्रतिक्रिया सुनकर, सम्राट अकबर प्रसन्न हुए और स्वीकार किया कि बीरबल को हराना वास्तव में एक कठिन काम था।

कहानी से सीख:

यह कहानी हमें सिखाती है कि सही बुद्धि और विवेक से असंभव लगने वाले कार्य भी आसानी से निपटाए जा सकते हैं।

Written by

Smita Mahto

मैं एक कंप्यूटर विज्ञान में स्नातक हूँ और अपने ब्लॉग लेखन में आत्मसमर्पित हूँ। पढ़ाई और लेखन में मेरा शौक मेरे जीवन को सजीव बनाए रखता है, और मैं नए चीजों का अन्वेषण करने में रुचि रखती हूँ। नई बातें गहराई से पढ़ने का मेरा शौक मेरे लेखन को विशेष बनाता है। मेरा उद्दीपन तकनीकी जगत में है, और मैं अपने ब्लॉग के माध्यम से नवीनतम तकनीकी गतिविधियों को साझा करती हूँ।